How upay totka can Save You Time, Stress, and Money.
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फिर उस कपडे को रोगी के कान से बांध दें ! बुखार उतर जायगा !
घर में स्थिर लक्ष्मी के वास के लिए उपाय
विवाह की बाधायें अपने आप दूर होती जांयगी।
किसी रोग से ग्रसित होने पर - रोग से छु ट कारा पाने के लिए उपाय
कुल देवी या देवता को मनाएं : आजकल के परिवार को अपने कुल देवता और कुल देवी के स्थान के बारे में कोई जानकारी नहीं है। कुलदेवी या कुल देवता के स्थान से आपके पूर्वजों का पता लगता है।
ध्यान रहे ऐसा करते हुए आपको कोई देखे नही !
Do this totka – consider an earthen modest pot, and set in it an egg, a ladoo, two cash,&Sindoor and rotate it within the head from the affected person. Go away this in which the 4 streets fulfill (pkSjkgk) at twelve ‘O’ clock midday or during the sun established. The infectious illness might be cured.
यदि आपको धन हानि का सामना करना पड़ रहा है तो दशहरे के दिन किसी मंदिर में झाड़ू का दान कर दें। ऐसा करने से आपको जो भी आर्थिक परेशानियां आ रही हैं वह सभी समाप्त हो जाएंगी। इस उपाय को आपको शाम के समय करना है और जिस समय यह उपाय आप करें उस दौरान मां लक्ष्मी का ध्यान जरूर कर लें।
गुरुवार अथवा शुक्रवार की रात्रि में १२ बजे पति की चोटी (शिखा) के कुछ बाल काट लें और उसे किसी ऐसे स्थान पर रख दें जहां आपके पति की नजर न पड़े। ऐसा करने से आपके पति की बुद्धि का सुधार होगा और वह आपकी बात मानने लगेंगे। कुछ दिन बाद इन बालों को जलाकर अपने पैरों से कुचलकर बाहर फेंक दें। मासिक धर्म के समय करने से अधिक कारगर सिद्ध होगा।
संध्या समय सोना, पढ़ना और भोजन करना निषिद्ध है। सोने से पूर्व पैरों को ठंडे पानी से धोना चाहिए, किन्तु गीले पैर नहीं सोना चाहिए। इससे धन का क्षय होता है।
१. एक काला रेशमी डोरा लें ! “ऊं नमोः भगवते वासुदेवाय नमः” का जाप करते हुए उस डोरे में थोडी थोडी दूरी पर सात गांठें लगायें !
ऐसा ही एक चमत्कारी पौधा है अफेद आक (आंकड़ा)। यह बहुत चमत्कारी पौधा है। जिस घर में यह लगा होता है उस more info घर किसी भी प्रकार के तंत्र-मंत्र या जादू-टोने का असर नहीं होता है।
चैत्र मास: चैत्र मास में जन्म लेने वाली स्त्री वक्ता, होशियार, क्रोधी स्वभाव वाली, रतनारे नेत्र वाली, सुंदर रूप- गोरे रंग वाली, धनवान, पुत्रवती और सभी सुखों को पाने वाली होती है।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा "